Indian Railways: ट्रेन में मिलने वाली सेवाओं में नहीं होगी लापरवाही! रेलवे बोर्ड ने लिया बड़ा फैसला
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Indian Railways: ट्रेन में मिलने वाली सेवाओं में नहीं होगी लापरवाही! रेलवे बोर्ड ने लिया बड़ा फैसला

Train Tenders Policy: ट्रेन (Train) के लेनिन वॉशिंग से जुड़े टेंडर देने से जुड़ी पॉलिसी को बदला जा रहा है. रेलवे बोर्ड (Railway Board) ने ठेकेदारों की लापरवाही को देखते हुए बड़ा फैसला किया है.

Indian Railways: ट्रेन में मिलने वाली सेवाओं में नहीं होगी लापरवाही! रेलवे बोर्ड ने लिया बड़ा फैसला

Train Services: ट्रेन (Train) में मिलने वाली सुविधाओं में आपको कभी ना कभी लापरवाही दिखी होगी. एसी कोच में कई बार गंदे कंबल, गंदी चादरें और कैटरिंग में लापरवाही दिखती है. इससे निपटने का रास्ता भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने निकाल लिया है. रेलवे बोर्ड इस संबंध में कड़ा रुख अपनाने जा रहा है. रेलवे बोर्ड ने कह दिया है कि ट्रेनों की साफ सफाई, चादर और कंबल की धुलाई और केटरिंग का टेंडर अब लंबे समय तक नहीं दिया जाएगा. इसके लिए अवधि को घटाकर कम किया जाएगा और समय खत्म होने पर रिन्यू किया जाएगा. इससे ठेकेदार लापरवाही करने से बचेंगे और यात्रियों को भी असुविधा सामना नहीं करना पड़ेगा. आइए जानते हैं कि रेलवे बोर्ड ने ये फैसला क्या है?

रेलवे बोर्ड का फैसला

रेलवे बोर्ड ने कहा है कि वह ट्रेन की तमाम सुविधाओं से जुड़े टेंडर की अवधि को घटाकर 6 महीने तक करने जा रहा है. पहले ये टेंडर 3 या 5 साल तक के लिए होते थे. ठेकेदार लोग अवधि खत्म होने के बाद फिर से सांठ-गांठ करके टेंडर पा लेते थे. वो काम में लापरवाही करते थे. लेकिन टेंडर कम समय का होगा तो ठेकेदार लापरवाह नहीं होंगे.

आईआरसीटीसी को दिए निर्देश

रेलवे बोर्ड ने इस संबंध में सभी जोनल रेलवे और आईआरसीटीसी को निर्देश दे दिए हैं. आगे के समय में चादरों और कंबलों की धुलाई का टेंडर डिवीजन की जगह नई पॉलिसी के अंतर्गत किया जाएगा. इसकी मॉनिटरिंग भी डिवीजन लेवल पर होगी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए नई पॉलिसी लाई जा रही है.

रेलवे बोर्ड ने भेजा लेटर

इस संबंध में रेलवे बोर्ड की तरफ से उत्तर रेलवे सहित सभी जोन और आईआरसीटीसी को लेटर भेजा गया है. इसमें साफ लिखा है कि अब ठेका 6 महीने से अधिक समय के लिए नहीं दिया जाएगा. इसके अलावा रेलवे बोर्ड ये भी तैयारी कर रहा है कि चादर-कंबल की धुलाई के टेंडर को सेंट्रलाइज किया जाए. डिवीजन की जगह टेंडर की प्रक्रिया रेलवे बोर्ड की तरफ से की जाए. इस चर्चा की जा रही है.

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