Hindenburg Report: एक छोटी-सी लहर ने जहाज को हिला डाला! अडानी के आगे कारोबारी जिंदगी की सबसे बड़ी चुनौती
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Hindenburg Report: एक छोटी-सी लहर ने जहाज को हिला डाला! अडानी के आगे कारोबारी जिंदगी की सबसे बड़ी चुनौती

Adani Share: गुजरात के अहमदाबाद में एक जैन परिवार में जन्मे अडानी कॉलेज की पढ़ाई बीच में छोड़कर मुंबई चले गए और कुछ समय के लिए हीरा कारोबार क्षेत्र में काम किया. वह 1981 में अपने बड़े भाई महासुखभाई की एक छोटे स्तर की पीवीसी फिल्म फैक्टरी चलाने में मदद करने के लिए गुजरात लौट आए.

Hindenburg Report: एक छोटी-सी लहर ने जहाज को हिला डाला! अडानी के आगे कारोबारी जिंदगी की सबसे बड़ी चुनौती

Adani Group: इन दिनों गौतम अडानी और अडानी ग्रुप की काफी चर्चा हो रही है. दरअसल, एक रिपोर्ट के कारण गौतम अडानी के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली है और उनकी नेटवर्थ में भी कमी आई है. न्यूयॉर्क की एक छोटी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च, जो शॉर्ट सेलिंग में माहिर है, की एक रिपोर्ट के कारण अडानी समूह का बाजार मूल्यांकन केवल दो कारोबारी सत्रों में 50 अरब डॉलर से अधिक घट गया. इसके साथ ही अडानी को 20 अरब डॉलर का नुकसान हुआ. ये उनकी कुल दौलत का पांचवां हिस्सा है. इसके साथ ही वह दुनिया के तीसरे सबसे धनी व्यक्ति से सातवें स्थान पर आ गए हैं..

हिंडनबर्ग रिपोर्ट
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब Adani Group 20,000 करोड़ रुपये का FPO लाया है. अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के लिए आए इस एफपीओ को पहले दिन सिर्फ एक प्रतिशत सब्सक्रिप्शन मिला. वहीं अब गौतम अडानी के सामने शायद कारोबारी जीवन की सबसे बड़ी चुनौती है. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद कारोबारी जगत में भी उथल-पुथल मची हुई है और तरह-तरह की बातें भी सामने आ रही हैं. हालांकि गौतम अडानी की जिंदगी में इससे पहले भी कई बार चुनौतियां देखने को मिली है.

हिंडनबर्ग रिसर्च
हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर भाव को गलत तरीके से बढ़ाने का आरोप लगाया गया है. जिसके बाद ही अडानी के शेयरों में गिरावट देखने को मिली है. हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है जब अडानी के सामने चुनौतियां आई हों. इससे पहले भी अडानी के सामने जिंदगी में कई चुनौतियां आ चुकी हैं. अडानी ग्रुप के मुखिया गौतम अडाणी को डकैतों ने 1998 में फिरौती के लिए अगवा कर लिया था और इसके करीब 11 साल बाद जब आतंकवादियों ने मुंबई पर हमला किया तो वह ताज होटल में बंधक बनाए गए लोगों में शामिल थे. कॉलेज की पढ़ाई बीच में छोड़ने वाले गौतम अडानी को संकटों से बचे रहने की आदत और व्यापार कौशल ने भारत के सबसे अमीर लोगों की श्रेणी में ला दिया.

गौतम अडानी
वहीं गुजरात के अहमदाबाद में एक जैन परिवार में जन्मे अडानी कॉलेज की पढ़ाई बीच में छोड़कर मुंबई चले गए और कुछ समय के लिए हीरा कारोबार क्षेत्र में काम किया. वह 1981 में अपने बड़े भाई महासुखभाई की एक छोटे स्तर की पीवीसी फिल्म फैक्टरी चलाने में मदद करने के लिए गुजरात लौट आए. उन्होंने 1988 में अडाणी एक्सपोर्ट्स के तहत एक जिंस व्यापार उद्यम स्थापित किया और इसे 1994 में शेयर बाजारों में लिस्ट किया. इस फर्म को अब अडाणी एंटरप्राइजेज कहा जाता है.

अडानी ग्रुप
जिंस कारोबार शुरू करने के करीब एक दशक बाद उन्होंने गुजरात तट पर मुंद्रा में एक बंदरगाह का संचालन शुरू किया. उन्होंने भारत के सबसे बड़े निजी बंदरगाह परिचालक के रूप में जगह बनाई. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और बिजली उत्पादन, खनन, खाद्य तेल, गैस वितरण और नवीकरणीय ऊर्जा में अपने व्यापारिक साम्राज्य का विस्तार किया. अडाणी के व्यापारिक हितों का विस्तार हवाई अड्डों, सीमेंट और हाल ही में मीडिया में हुआ.

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