चिदंबरम ने रेटिंग सुधार पर उड़ाया मजाक, कहा- इसी सरकार ने मूडीज के तरीकों पर उठाए थे सवाल
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चिदंबरम ने रेटिंग सुधार पर उड़ाया मजाक, कहा- इसी सरकार ने मूडीज के तरीकों पर उठाए थे सवाल

शक्तिकांत दास (आर्थिक मामलों के पूर्व सचिव) ने मूडीज के रेटिंग के तरीके पर सवाल उठाते हुए लंबा पत्र लिखा था.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम. (फाइल फोटो)

मुंबई: पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने मूडीज के रेटिंग बढ़ाने पर सरकार के उत्साहित होने की खिल्ली उड़ाते हुए कहा कि कुछ ही महीने पहले इसी सरकार ने इस रेटिंग एजेंसी के तौर-तरीकों पर सवाल उठाए थे. टाटा लिटरेचर लाइव में उन्होंने शनिवार (18 नवंबर) को कहा, ‘‘कुछ ही महीने पहले सरकार ने कहा था कि मूडी के तरीके गलत हैं. शक्तिकांत दास (आर्थिक मामलों के पूर्व सचिव) ने मूडीज के रेटिंग के तरीके पर सवाल उठाते हुए लंबा पत्र लिखा था. उन्होंने मूडीज के रेटिंग के तरीके को कमजोर बताते हुए सुधार करने की मांग की थी.’’

  1. मूडीज की रेटिंग में यह सुधार 13 वर्ष बाद हुआ है.
  2. इससे पहले 2004 में देश की रेटिंग सुधारकर ‘बीएए3’ की गयी थी.
  3. बीएए3 रेटिंग निवेश श्रेणी का सबसे निचला दर्जा है.

मूडीज ने शुक्रवार (17 नवंबर) को भारत की रेटिंग बीएए3 से सुधारकर बीएए2 कर दिया था. उसने वृद्धि की बेहतर संभावनाओं तथा मोदी सरकार के विभिन्न सुधार कार्यक्रमों का हवाला दिया था. इससे पहले रेटिंग में सुधार 2004 में किया गया था. चिदंबरम ने रेटिंग में सुधार पर सरकार की प्रतिक्रिया का मजाक उड़ाते हुए कहा कि इस सरकार के लिए मूडीज के तौर तरीके 2016 तक ही खराब थे.

मूडीज द्वारा तेज वृद्धि का हवाला दिये जाने के बाबत पूछे जाने पर चिदंबरम ने कहा कि इसी एजेंसी और सरकार का चालू वित्त वर्ष का वृद्धि अनुमान 6.7 प्रतिशत है. उन्होंने कहा, ‘‘आर्थिक वृद्धि दर 2015-16 में यह आठ प्रतिशत थी. 2016-17 में यह 6.7 प्रतिशत थी और 2017-18 में यह 6.7 प्रतिशत है. यह उत्तर (उन्नति) है या दक्षिण (अवनति), आप ही तय करें.’’ उनके अनुसार, किसी भी अर्थव्यवस्था की स्थिति के लिए तीन कारक महत्वपूर्ण हैं- समग्र तय पूंजी निर्माण, ऋण वृद्धि और रोजगार.

उन्होंने कहा, ‘‘ये तीनों ही सूचकांक लाल रेखा में हैं.’’ उन्होंने आंकड़े देते हुए कहा कि समग्र तय पूंजी निर्माण अपने सर्वोच्च स्तर से सात-आठ अंक नीचे है और निकट भविष्य में इसमें सुधार के भी चिह्न नहीं हैं. निजी निवेश पिछले सात साल के निचले स्तर पर है. कई परियोजनाएं रुकी हुई हैं और वे दिवाला एवं शोधन संहिता के विकल्प का चयन कर रही हैं. इन सब से रोजगार के अवसर कम होने वाले हैं.

उन्होंने आगे कहा कि ऋण वृद्धि पिछले दो दशक के निचले स्तर पर है. उन्होंने कहा, ‘‘यह सालाना छह प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है पर मध्यम श्रेणी के उद्यमों के लिए इसकी वृद्धि दर नकारात्मक है.’’ पूर्व वित्त मंत्री ने रोजगार सृजन में कमी का हवाला देते हुए कहा, ‘‘सरकार इसके बारे में सही और भरोसेमंद आंकड़ा नहीं दे रही है. सेंटर फोर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी जो कि बेहतर भरोसेमंद संस्था है, ने कहा था कि जनवरी से जून 2017 के बीच 19,60,000 नौकरियां गयीं.

मूडीज ने भारत की रेटिंग को बढ़ाकर किया 'बीएए2', कर्ज के भारी दबाव को लेकर दी चेतावनी

इससे पहले अमेरिका स्थित क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने आर्थिक एवं संस्थागत सुधारों से घरेलू अर्थव्यवस्था में वृद्धि की संभावनाएं बेहतर होने के कारण देश की रेटिंग एक पायदान बढ़ाकर शुक्रवार (17 नवंबर) को ‘बीएए2’ कर दी.रेटिंग में यह सुधार 13 वर्ष बाद हुआ है. इससे पहले 2004 में देश की रेटिंग सुधारकर ‘बीएए3’ की गयी थी. वर्ष 2015 में उसने रेटिंग परिदृश्य को सकारात्मक से स्थिर किया था. बीएए3 रेटिंग निवेश श्रेणी का सबसे निचला दर्जा है. मूडीज ने अपने बयान में कहा, ‘रेटिंग में सुधार का यह निर्णय मूडीज की इस उम्मीद पर आधारित है कि आर्थिक एवं संस्थागत सुधारों में सतत प्रगति से आने वाले समय में भारत की तेज आर्थिक वृद्धि की संभावनाएं बेहतर होंगी.'

इससे सरकार के ऋण के लिए स्थिर एवं बड़ा वित्तीय आधार तैयार होगा और यह मध्यम अवधि में सरकार के ऋण दबाव में क्रमिक कमी लाएगा. सार्वभौम रेटिंग किसी भी देश के निवेश माहौल का सूचक होता है. यह निवेशकों को किसी देश में निवेश से संबंधित जोखिमों से अवगत कराता है. इन जोखिमों में राजनीतिक जोखिम भी शामिल होता है.

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