एजेंसी ने आईडीबीआई बैंक द्वारा दिये गए 900 करोड़ रुपये के बकाया ऋण के एक अलग मामले में पिछले साल माल्या के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था.
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नई दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) विजय माल्या के खिलाफ एक माह के भीतर आरोपपत्र दाखिल कर सकती है. एजेंसी शराब कारोबारी विजय माल्या की कंपनी किंगफिशर एयरलाइन्स को दिए गए ऋण से जुड़े बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों को भी मामले में आरोपी बना सकती है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की अगुवाई वाले 17 बैंक के समूह द्वारा किंगफिशर को दिये गए 6,000 करोड़ से अधिक के ऋण मामले में यह सीबीआई की ओर से दाखिल किया जाना वाला पहला आरोपपत्र होगा. इसमें स्टेट बैंक ने अकेले 1,600 करोड़ रुपये का कर्ज दिया.
एजेंसी ने आईडीबीआई बैंक द्वारा दिये गए 900 करोड़ रुपये के बकाया ऋण के एक अलग मामले में पिछले साल माल्या के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था. इस मामले में बैंक के वरिष्ठ अधिकारी भी कथित तौर पर संलिप्त थे.
सीबीआई ने माल्या के खिलाफ आईडीबीआई ऋण मामले में 2015 में और बैंक के समूह रिण मामले में 2016 में मामला दर्ज किया था.
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अधिकारियों के नाम का खुलासा करते हुए सूत्रों ने बताया कि बैंकों के समूहों द्वारा दिये गए ऋण की जांच का पहला चरण पूरा हो चुका है और जांच को जारी रखते हुए एक माह के भीतर आरोपपत्र दाखिल किया जा सकता है.
उन्होंने बताया कि किंगफिशर एयरलाइन्स को ऋण देने के मामले में सेवारत और सेवानिवृत्त दोनों तरह के बैंक अधिकारियों को आरोपपत्र में आरोपी बनाया जा सकता है क्योंकि एजेंसी ने उनके खिलाफ पद के दुरुपयोग के मामले में पर्याप्त सबूत जुटाए हैं.
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अधिकारी के मुताबिक माल्या और किंगफिशर एयरलाइन्स के तत्कालीन मुख्य वित्तीय अधिकारी ए रघुनाथन सहित पूर्ववर्ती कंपनी के कई पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों को इस मामले में आरोपी बनाया जाएगा.
(इनपुट भाषा से)