महिलाएं भी कर सकती हैं पिंडदान, केवल इस एक काम पर है रोक
trendingNow11878217

महिलाएं भी कर सकती हैं पिंडदान, केवल इस एक काम पर है रोक

Women Can do Pinddan: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध, तर्पण का बड़ा महत्‍व है. ऐसे में सवाल उठता है कि जिन मृतकों के बेटे ना हों तो क्‍या बेटियां या परिवार की अन्‍य महिलाएं पिंडदान, तर्पण, श्राद्ध कर सकती हैं. 

महिलाएं भी कर सकती हैं पिंडदान, केवल इस एक काम पर है रोक

Can girls do Pitru Tarpan: पितरों के प्रति सम्‍मान प्रकट करने और उनकी आत्‍मा की शांति के लिए पितृ पक्ष में श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान आदि करने का बहुत महत्‍व है. मान्‍यता है कि इन 15 दिनों में पितृ, पितृलोक से मृत्यु लोक में अपने वंशजों से सूक्ष्म रूप में मिलने आते हैं. लिहाजा उनका सम्‍मान करना, उनके लिए श्राद्ध अनुष्‍ठान आदि करने से वे प्रसन्‍न होते हैं. अपनी पसंद का भोजन और सम्मान पाकर पितृ संतुष्‍ट होते हैं और आशीर्वाद देते हैं. इस साल 29 सितंबर से 14 अक्‍टूबर तक पितृ पक्ष रहेगा. इस दौरान घर के बेटे पूर्वजों की आत्‍मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान आदि करते हैं. लेकिन लोगों के मन में यह जिज्ञासा होती है कि जिनके घर में बेटे ना हों उन घरों में श्राद्ध, तर्पण आदि कैसे किया जाए. 

क्‍या बेटियां-बहुएं कर सकती हैं श्राद्ध-पिंडदान?  

जाहिर है कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि क्या महिलाएं भी श्राद्ध कर सकती हैं. तो इसका जवाब है हां. घर में यदि बेटे ना हो या कोई अन्‍य कारण के चलते भी परिवार की महिलाएं अपने पूर्वजों के सम्‍मान और आत्‍मा की शांति के लिए ये अनुष्‍ठान कर सकती हैं. हालांकि इसके लिए उन्‍हें कुछ नियमों का पालन करना होता है. इतना ही नहीं श्राद्ध के अलावा महिलाएं पिंडदान भी कर सकती हैं. 

पुत्र ना हो तो कौन-कौन कर सकता है श्राद्ध?

जिस व्यक्ति के पुत्र ना हों तो उसके परिवार की महिलाएं यानी कि पुत्री, पत्नी और बहू उस व्‍यक्ति के लिए श्राद्ध और पिंड का दान कर सकती हैं. गरुड़ पुराण के अनुसार यदि कोई पुत्री सच्चे मन से अपने पिता का श्राद्ध करती है तो पुत्र के न होने पर भी पिता उसे स्वीकार कर आशीर्वाद देता है.  इतना ही नहीं श्राद्ध के समय यदि किसी कारण से पुरुष अनुपस्थित हैं तो भी घर की महिलाएं श्राद्ध कर सकती हैं. यहां तक कि वाल्मीकि रामायण में इस बात का उल्‍लेख है कि सीता जी ने राजा दशरथ का पिंड दान किया था. 

पुत्र ना होने की स्थिति में मृतक के भतीजे, भांजे, चचेरे भाई जैसे परिवार के अन्‍य सदस्‍य भी श्राद्ध कर सकते हैं. यदि परिवार में कोई भी ना हो तो मृतक का शिष्य, मित्र, रिश्तेदार या परिवार के पुजारी भी श्राद्ध कर सकते हैं. यह लोग स्त्री या पुरुष कोई भी हो सकते हैं. 

fallback

... लेकिन इन बातों का रखें ध्यान 

श्राद्ध, पिंडदान जैसे अनुष्‍ठान करते समय महिलाओं को कुछ बातों का ध्‍यान रखना जरूरी है कि जैसे वे इस समय सफेद या पीले रंग के ही कपड़े पहनें. इसके अलावा बेहतर होता है कि विवाहित महिलाएं ही श्राद्ध करें. पितृ तर्पण करते समय महिलाओं को यह ध्‍यान रखना चाहिए कि वे जल में कुश और काले तिल डालकर तर्पण ना करें. क्‍योंकि इसकी मनाही की गई है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्‍य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Trending news