Love Marriage Upay: प्रेम विवाह करने के लिए आज से ही शुरू कर दें ये उपाय, फल मिलने में नहीं लगेगी देर
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Love Marriage Upay: प्रेम विवाह करने के लिए आज से ही शुरू कर दें ये उपाय, फल मिलने में नहीं लगेगी देर

Prem Vivah 2022: हर व्यक्ति की इच्छा होती है कि उसे ऐसा लाइफ पार्टनर मिले, जिसे वे पसंद करता है या फिर प्यार करता है. ज्योतिष शास्त्र में प्रेम विवाह के लिए कई उपायों के बारे में बताया गया है. 

 

फाइल फोटो

Love Marriage Tips: व्यक्ति के ग्रह और कुंडली में कई बार ऐसी परिस्थितियां बन जाती है कि व्यक्ति चाह  कर भी प्रेम विवाह नहीं कर पाता. या फिर कई बार व्यक्ति के योग ही नहीं बनते ही उसका प्रेम विवाह हो. ऐसे में ज्योतिष शास्त्र में कुछ उपाय के बारे में बताया गया है. जिन्हें नियमित रूप से करने से व्यक्ति का प्रेम विवाह होता है. ये उपाय बहुत ही आसान हैं, इन्हें कोई भी व्यक्ति कभी भी कर सकता है. आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में. 

प्रेम विवाह के लिए उपाय

स्कंद पुराण में जानकी स्तुति का वर्णन किया गया है. शास्त्रों में जानकी स्तुति का विशेष महत्व बताया गया है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर आप प्रेम विवाह करना चाहते हैं कि तो नियमित रूप से भगवान श्री राम और सीता जी की पूजा करें और साथ ही, श्रीजानकीस्तुति का एक माला जाप करें. ये उपाय आजमाने से प्रेम विवाह में आ रही सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं. इतना ही नहीं, श्रीजानकीस्तुति के जाप से व्यक्ति के जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं. अशुभ ग्रहों से छुटकारा मिलता है. शत्रुओं के कारण आने वाले कष्ट भी दूर हो जाते हैं. 

श्रीजानकी स्तुति पाठ 

जानकि त्वां नमस्यामि सर्वपापप्रणाशिनीम् ।
जानकि त्वां नमस्यामि सर्वपापप्रणाशिनीम् ॥1॥

दारिद्र्यरणसंहत्रीं भक्तानाभिष्टदायिनीम् ।
विदेहराजतनयां राघवानन्दकारिणीम् ॥2॥

भूमेर्दुहितरं विद्यां नमामि प्रकृतिं शिवाम् ।
पौलस्त्यैश्वर्यसन्त्री भक्ताभीष्टां सरस्वतीम् ॥3॥

पतिव्रताधुरीणां त्वां नमामि जनकात्मजाम् ।
अनुग्रहपरामृद्धिमनघां हरिवल्लभाम् ॥4॥

आत्मविद्यां त्रयीरूपामुमारूपां नमाम्यहम् ।
प्रसादाभिमुखीं लक्ष्मीं क्षीराब्धितनयां शुभाम् ॥5॥

नमामि चन्द्रभगिनीं सीतां सर्वाङ्गसुन्दरीम् ।
नमामि धर्मनिलयां करुणां वेदमातरम् ॥6॥

पद्मालयां पद्महस्तां विष्णुवक्षस्थलालयाम् ।
नमामि चन्द्रनिलयां सीतां चन्द्रनिभाननाम् ॥7॥

आह्लादरूपिणीं सिद्धि शिवां शिवकरी सतीम् ।
नमामि विश्वजननीं रामचन्द्रेष्टवल्लभाम् ।
सीतां सर्वानवद्याङ्गीं भजामि सततं हृदा ॥8॥

इति श्रीस्कन्दमहापुराणे सेतुमाहात्म्ये श्रीजानकीस्तुतिः सम्पूर्णा ।

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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